.......................Reflections
इतनी दुविधाओ के बीच
अंतर्मन की चिंताओ के बीच
खुद को संभालती हूं
खुद को समेटती हूँ
फिर भी सिमटी सी मैं
सबको अधूरी सी लगती हूँ .
हर परीक्षा में खरी उतर के भी
असफल ही दिखती हूं
Post a Comment
No comments:
Post a Comment